अक्तूबर 29, 2008

कभी

अपनी आशाओ के पर जाओ --

जिन्दगी के नए रंग

हाथों मे रौशनी लिए फिरते हैं

हम रोज़ चलते हैं

अपने मन मे सैकडो मील

एक अलग दुनिया मे

कभी एक छोटा सा बच्चा गेंद लेकर

उसमे कूद जाता है ।

अक्तूबर 05, 2008

हो सके तो
बचा के रखना
अपने बचपने की
हर वो आदते - जिस पे डांट पड़ती थी ।

पुरानी दोस्ती सी
उनमे बसी है
तुम्हारे होने की ताकत

हिंदी हिंदी के शोर में

                                  हमारे स्कूल में उन दोनों की नयी नयी नियुक्ति हुई थी । वे हिन्दी के अध्यापक के रूप में आए थे । एक देश औ...