जून 12, 2013

हम्माम में आँखें


सबकुछ ठीक चल रहा था और चलता ही जा रहा था ! रुकने का नाम ही न ले ! आखिर कितने दिनों तक कोई इतने ठीक होने की उम्मीद करता अखिर किसी भी बात की एक हद होती है सो ठीक चलने की भी होनी चाहिए । क्यों ! आखिर उनके काम का तरीका भी यही था कि सबकुछ ठीक चलता रहे । यह तरीका लगभग हम सभी स्वीकार चुके थे । सो अब अपने लिए तो कोई आश्चर्य की वस्तु नहीं रह गयी थी फिर भी उनकी लिए तो थी ही जो नए नए मिलते थे और जिनकी बिलकुल नयी आमद हुआ करती थी । इन नयों की हालत ठीक वैसी ही जैसे कि अपनी तरह का पहली बार धनी होने वाला । खूब बातें होती उस ठीक चलने पर । फिर एक दिन ऐसा हुआ कि लगा अब तो सब बंद हो जाएगा । जो अब तक ठीक चलते हुए आ रहा था वह रुक जाएगा । जिन साहब का यह सब ठीक चल रहा था संकट तो उनके लिए था । अपने लिए तो ये तब भी खालिस मनोरंजन था और अब भी । पर जिसकी ज़िंदगी ही वही हो !

अचानक से अखबारों में खबर आयी कि अमेरिका में इन्टरनेट पर जो भी किया जा रहा है उन सब को कोई देख रहा है । यह कोई और नहीं बल्कि वहाँ की खुफिया एजेंसी है जो सरकार के इशारे पर और सुरक्षा के नाम पर ऐसा कर रही है । वह भी आज से नहीं बल्कि पिछले कई वर्षों से । अमेरिका में तो भैया गज़ब हँगामा हुआ है और हो रहा है । आखिर जो सब चल रहा था वो व्यक्तिगत नहीं रह पाया था जिसकी आश्वस्ति के बाद ही लोग ऐसा या वैसा कर रहे थे ।

फर्ज़ कीजिये कि आप फेसबुक पर हैं और लोग यह समझ गए हैं कि आप वहाँ क्या करते हैं तो आप वहाँ से तुरंत भाग कर किसी अन्य साइट पर चले गए । आप अकेले ही नहीं गए बल्कि कई और को भी ले गए जो आपकी उस गतिविधि के धारक हैं । आप इस उम्मीद में गए कि चलो यहाँ तो अपन मजे में बहुत कुछ करेंगे और जनता को जब तक पता चलेगा तब तक हम नया ठिकाना तलाश लेंगे । जनता तो जब आती तब आती । आपकी फूटी किस्मत पर डाका डालने सरकार ही पहुंची हुई है वहाँ इस सूचना के साथ कि साहिब जो जितना गुप्त है वह उतना ही असुरक्षित ।

... तो इस ठीक चलती इन्टरनेट की दुनिया में अचानक से कुछ गलत होने जैसा मामला आ गया । बड़ी बड़ी कंपनियों ने फटाफट कह डाला कि हमारे यहाँ सब सुरक्षित है । पर उनके बयानों से असर का तत्व निकाला ओबामा प्रशासन ने । जी वो कहते हैं कि देश की सुरक्षा के लिए ऐसा तो किया ही जा रहा है । कंपनियों की घोषणा के बाद कुछ लोग मान चुके थे कि चलो हम जो कर रहे थे उसे खुफिया विभाग ने नहीं देखा होगा । पर सरकारी घोषणा के बाद तो सबकी हालत पतली हो गयी । अपने पति रॉबर्ट के बदले किसी भारतीय से स्काइप पर वीडियो चैट करने वाली मिस सुज़ेन और विदेशी के नाम पर भारत में सोशल नेटवर्किंग साइट पर बहुत सारी स्त्रियों में लोकप्रियता बटोरने वाले मार्क या अंटोनी की हालत देखने लायक है । उन्हें लगता है कि अब वे किसी को वीडियो चैट पर आमंत्रित करेंगे तो कोई नहीं आएगा । आएगा या आएगी भी तो जहां तक वे पहुँच चुके थे वहाँ तक तो शायद ही अब जा पाएँ । क्योंकि बड़ा भाई देख रहा है । अब कितने ही ढीठ बन जाओ पर कोई देख रहा हो ऐसी हालत में ढीठ होना भी नहीं चल पाता न ।   

अव्वल बात तो यह है कि देश की सुरक्षा के नाम पर तो इस विश्व में कुछ भी जायज है और इसे बड़ी बड़ी अदालत भी झुठला नहीं सकती । अमेरिका में बवाल मच रहा है । लोग व्यक्ति की निजता का हवाला दे रहे हैं । पर एक बात देखने की हैं कि देख लिए जाने का डर किन लोगों को है । जहां मन में चोर है वहीं डर खड़ा है । मतलब भैया कुछ तो है जिसके किसी के देख लिए जाने का डर है ।

इस खबर को आए हुए बहुत दिन नहीं हुए हैं और हर दिन नए नए देश इसमें जुडते जा रहे हैं कि अमुक देश भी अपने नागरिकों के सारे खटकरम चोरी चुपके से देख रहा है । अब तो भारत का भी नाम आ गया । अपना देश भी हमारी इंटरनेटी गतिविधियों पर नजर गड़ाए हुए है । यहाँ तो हालत और खराब है । अमेरिका तो खैर इतना खुला समाज है कि वहाँ इससे बदनामी नहीं होगी पर अपना देश तो खैर अपना ही देश है । किसी दिन कोई ऑफिसर स्काइप पर नजरें गड़ाए बैठा हो और उसे अपनी ही पत्नी दिख जाए चैट पर ! भैया उसकी नाइट ड्यूटी तो खराब हो ही जाएगी और जिंदगी भी !


अपने देश में जिस तरह से सब कुछ निजी कृत हो रहा है उस तरह से यह भी एक दिन बाजार में बिकने आ ही जाएगा । श्रीमती यादव कुछ हजार रूपय में अपने पति के सारे नए पुराने सत्कर्म निकलवा लेगी और कुचधूम मचा करेगा घर में । अमेरिका जैसे देश में इतनी उन्मुक्तता तो है ही कि लोग एक दूसरे को उन हालत में देखसुन कर भी मज़ाक से ज्यादा कुछ नही बनाएँगे और जीवन भी सामान्य हो जाएगा पर भारत में तो ऐसा न कभी चले । माता-पिता कुंडली से पहले लड़के य लड़की के इन्टरनेट डाटा मंगवाएंगे । आज जो पति-पत्नी एक दूसरे की गतिविधि नहीं जान पाते उनके लिए तो भैया ये वरदान होने वाला है । बस सर जी इसे बाजार में उतार दो और तमाशा देखते जाओ । 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

स्वागत ...

हिंदी हिंदी के शोर में

                                  हमारे स्कूल में उन दोनों की नयी नयी नियुक्ति हुई थी । वे हिन्दी के अध्यापक के रूप में आए थे । एक देश औ...